जन्म कुंडली के पंचम भाव में गुलिक के होने से व्यक्ति बहुत ज्यादा सराहनीय नहीं होता है। यह गरीब होता है, जीवनचक्र भी औसत ही रहता है। यह स्वार्थी किस्म के व्यक्ति होते हैं जिन्हें अपने ही बारे में सभी कुछ पता होता है। यह दूसरों से द्वेष भावना भी रखने वाले होते हैं। यह नपुंसक भी हो सकते हैं और इनका जीवन इनके जीवनसाथी द्वारा संचालित होता है यह उसी के कथनानुसार सभी काम करते हैं। यह नास्तिक होते हैं अथवा धर्म के विरुद्ध काम करते हैं क्योकि इन्हें धर्म में किसी तरह की कोई आस्था अथवा श्रद्धा नहीं होती है।
पंचम भाव में गुलिक के होने से व्यक्ति का स्वभाव अस्थिर रहता है, अशिष्ट, असभ्य तथा अनैतिकता का आचरण करने वाला होता है। संतान सुख इनका मध्यम ही रहता है अथवा संतान ना होने की भी संभावना बनती है। यह दूसरों पर आरोप प्रत्यारोप काफी करते हैं। ऎसा जातक अपनी शिक्षा के समय भी बहुत सी बाधाओं अथवा परेशानियों का सामना करता है और यह मानसिक रुप से थोड़े सुस्त रहते हैं।