यहाँ स्थित केतु को गुरु का रक्षक कहा गया है। ऐसा व्यक्ति विदेश में रहने की इच्छा रखने वाला होता है। बातों का तो धनी होता है, लेकिन बुद्धि से काम नहीं लेता है तो दुःख पाएगा।
सावधानी : चाल-चलन ठीक रखें। बृहस्पति को शुभ बनाएँ। शनि के मंदे कार्य न करें।
यहाँ स्थित केतु को गुरु का रक्षक कहा गया है। ऐसा व्यक्ति विदेश में रहने की इच्छा रखने वाला होता है। बातों का तो धनी होता है, लेकिन बुद्धि से काम नहीं लेता है तो दुःख पाएगा।
सावधानी : चाल-चलन ठीक रखें। बृहस्पति को शुभ बनाएँ। शनि के मंदे कार्य न करें।