kulik kaal sarp dosh

कुलीक कालसर्प दोष – तीसरा दिन – Day 3 – 21 Din me kundli padhna sikhe – kulik kaal sarp dosh – Teesara Din

जब कुंडली के दुसरे घर में राहू और आठवें घर में केतु और बाकी के सातों गृह राहू और केतु के मध्य स्थित हो तो यह कुलीक कालसर्प दोष कहलाता है ! जिस जातक की कुडली में कुलीक कालसर्प दोष होता है, वह जातक खाने और शराब पिने की गलत आदतों को अपना लेता है ! तम्बाकू, सिगरेट आदि का भी सेवन करता है, जातक को यह आदते बचपन से ही लग जाती है इस कारण जातक का पढाई से ध्यान हट कर अन्य गलत कार्यों में लग जाता है ! ऐसे जातकों को मुह और गले के रोग अधिक होते है, इन जातको का वाणी पर नियंत्रण नहीं होता इसलिए समाज में बदनामी भी होती है ! कुलीक कालसर्प से ग्रस्त जातकों की शराब पीकर वाहन चलाने से भयंकर दुर्घटना हो सकती है !

कुलीक कालसर्प दोष का प्रभाव

कुण्डली में कुलीक कालसर्प दोष होने पर व्यक्ति को अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए। बोलते समय उसे इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसकी बातें सामने वाले व्यक्ति के मन को चोट नहीं पहुंचाये। जो लोग इन बातों का ध्यान नहीं रखते हैं उनका लोगों से बैर होता है। वाणी में कटुता के कारण सामाज में एवं घर में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। लोगों से अपमान मिलता है। जीवनसाथी से तनाव के कारण गृहस्थी प्रभावित होती है तथा मन अशांत और बेचैन रहता है।

आर्थिक उन्नति में भी कुलीक कालसर्प दोष बाधक बनता है। व्यक्ति को जीवन में सफलता पाने के लिए अधिक संघर्ष करना पड़ता है। इन्हें दोस्तों एवं रिश्तेदारों से सावधान रहने की जरूरत होती है क्योंकि, उनसे धोखा मिलने की आशंका रहती है। इस दोष में गले की बीमारी एवं वाणी में दोष आने की संभावना रहती है।

कुलीक कालसर्प दोष के उपाय

कुलीक कालसर्प दोष की शांति हेतु राहु मंत्र ‘ओम रं राहवे नमः’ का जप करना चाहिए। नाग-नागिन के 108 अथवा 43 जोड़े बनवकर उसकी पूजा करनी चाहिए उसके पश्चात उसे जल में प्रवाहित कर देना चाहिए, ऐसा करने से कुलीक कालसर्प दोष के कष्टकारी प्रभाव में कमी आती है। भगवान शिव की पूजा एवं उपासना से भी इस दोष के कष्टकारी प्रभाव से राहत मिलती है।

कुलीक कालसर्प दोष – kulik kaal sarp dosh – तीसरा दिन – Day 3 – 21 Din me kundli padhna sikhe – Teesara Din

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