kundalee ka gyaaravaan bhaav - kundalee dekhane ke niyam

कुंडली का ग्यारहवें भाव – कुंडली देखने के नियमकुंडली का ग्यारवाँ भाव – कुंडली देखने के नियम – तेरहवां दिन – Day 13 – 21 Din me kundli padhna sikhe – kundalee ka gyaaravaan bhaav – kundalee dekhane ke niyam – Terahavaan Din

कुंडली के ग्यारहवें भाव को वैदिक ज्योतिष में लाभ भाव कहा जाता है तथा कुंडली का यह भाव मुख्य तौर पर जातक के जीवन में होने वाले वित्तिय तथा अन्य लाभों के बारे में बताता है। ग्यारहवें भाव के द्वारा बताए जाने वाले लाभ जातक द्वारा उसकी अपनी मेहनत से कमाए पैसे के बारे में ही बताएं, यह आवश्यक नहीं। कुंडली के इस भाव द्वारा बताए जाने वाले लाभ बिना मेहनत किए मिलने वाले लाभ जैसे कि लाटरी में इनाम जीत जाना, सट्टेबाज़ी अथवा शेयर बाजार में एकदम से पैसा बना लेना तथा अन्य प्रकार के लाभ जो बिना अधिक प्रयास किए ही प्राप्त हो जाते हैं, भी हो सकते हैं।

कुंडली के ग्यारहवें भाव के बलवान होने पर तथा इस भाव पर एक या एक से अधिक शुभ ग्रहों का प्रभाव होने पर जातक अपने जीवन में आने वाले लाभ प्राप्ति के अवसरों को शीघ्र ही पहचान जाता है तथा इन अवसरों का भरपूर लाभ उठाने में सक्षम होता है जबकि कुंडली के ग्यारहवें भाव के बलहीन होने पर जातक अपने जीवन में आने वाले लाभ प्राप्ति के अधिकतर अवसरों को सही प्रकारसे समझ नही पाता तथा इस कारण इन अवसरों से कोई विशेष लाभ नहीं उठा पाता।

कुंडली का ग्यारहवें भाव – कुंडली देखने के नियमकुंडली का ग्यारवाँ भाव – कुंडली देखने के नियम – kundalee ka gyaaravaan bhaav – kundalee dekhane ke niyam – तेरहवां दिन – Day 13 – 21 Din me kundli padhna sikhe – Terahavaan Din

Tags: , , , , , , , , , , , , , , , , , ,

Leave a Comment

Scroll to Top