danton mein surakh (khokhlapan) (daintal chariais)

दांतों में सुराख (खोखलापन) (Dental Caries) – पुरुष रोग का प्राकृतिक चिकित्सा – danton mein surakh (khokhlapan) (daintal chariais) – purush rog ka prakritik chikitsa

दांतों में सुराख (खोखलापन) (Dental Caries)
जानकारी:-
दांतों में कभी गर्म या ठंडे खाने वाले पदार्थ से चीस पैदा हो जाती है और बाद में यह दर्द बन जाती है, जो लगातार बनी रहती है। यदि समय रहते इसका उपचार नहीं किया जाए तो दांत निकलवाना पड़ सकता है। कभी-कभी तो दांत में सड़न होने के कारण वे अपने आप टूट जाते हैं और उनमें खोखलापन आ जाता है और दांतों में सुराख हो जाता है।

दांतों में खोखलापन तथा सुराख होने के कारण:-

जब या कोई व्यक्ति किसी तरह के खाने वाले पदार्थों को खाने के बाद पीने के बाद दांतों की अच्छी तरह से सफाई नहीं करता है तो उसके दांतों में कोई खाद्य पदार्थ लगा रह जाता है और फिर दांतों के उस जगह पर जीवाणु पनपने लगते हैं। ये जीवाणु दांतों को कमजोर कर देते हैं, जिसके कारण कभी-कभी दांत टूट जाते हैं, कभी दांतों में खोखलापन हो जाता है तो कभी उनमें सुराख हो जाता है।
पान, तम्बाकू, सुपारी, गुटके आदि के सेवन से भी दांतों में खोखलापन तथा सुराख हो सकता है।
कब्ज तथा शरीर की अनेक बीमारियों के कारण भी दांत में अनेक जीवाणु पनपते हैं जिसके कारण से दांतों में खोखलापन तथा सुराख हो सकता है।
शरीर में विटामिन `सी´, `डी´, तथा कैल्शियम के कारण भी व्यक्ति के दांतों में खोखलापन तथा सुराख हो सकता है।
अधिक गर्म तथा ठंडा भोजन करने से भी व्यक्ति के दांतों में खोखलापन तथा सुराख हो सकता है।
चाकलेट का अधिक सेवन करने से व्यक्ति के दांतों में खोखलापन तथा सुराख हो सकता है।
अधिक मिठाइयां तथा टॉफी खाने से व्यक्ति के दांतों में खोखलापन तथा सुराख हो सकता है।
भोजन को ठीक तरह से चबाकर न खाने तथा मुलायम चीजें अधिक खाने से दांतों का व्यायाम नहीं हो पाता है जिसके कारण व्यक्ति के दांतों में खोखलापन तथा सुराख हो सकता है।
चीनी या इससे बने खाद्य पदार्थ खाने पर उन्हें पचाने के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है जो दांतों और हडि्डयों में से खिंच जाता है। जिससे हडि्डयां तथा दांत कमजोर पड़ जाते हैं और जिसके कारण दांतों में खोखलापन तथा सुराख हो सकता है।

व्यक्ति के दांत में खोखलापन तथा सुराख का उपचार:-

वैसे तो दांत के खोखलेपन तथा सुराख का प्राकृतिक चिकित्सा से कोई उपचार नहीं किया जा सकता लेकिन दांतों को खोखलेपन तथा सुराख से बचाया जा सकता हैं जो इस प्रकार हैं-

दांत में खोखलापन तथा सुराख न हो पाये इसके लिए व्यक्ति को कभी भी चीनी, मिठाई या डिब्बा बंद खाद्य-पदार्थों का उपयोग अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए।
दांतों में खोखलापन तथा सुराख न हो पाये इसके लिए व्यक्ति को प्रतिदिन सुबह के समय में गर्म पानी में नमक डालकर कुल्ला करना चाहिए। इससे रोगी व्यक्ति को बहुत अधिक लाभ मिलता है और उसके दांतों में कभी-भी खोखलापन तथा सुराख नहीं होता है।
यदि व्यक्ति के दांतों में कोई रोग हो जाए तो व्यक्ति को तुरंत ही नीम के पत्तों को पानी में उबालकर उस पानी से कुल्ला करना चाहिए।
सरसों के तेल में नमक तथा हल्दी मिलाकर उंगुली से नित्य मसूढ़ों तथा दांतों को रगड़कर साफ करना चाहिए। इससे रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है। उसके दांतों में कभी भी कोई रोग नहीं होता है।
प्रतिदिन सुबह, दोपहर तथा शाम को 10-10 मिनट के लिए नीम की पत्तियां चबाने से दांतों में कोई भी रोग नहीं होता है।
नीम के छिलके तथा फिटकरी को भूनकर फिर इसको पीसकर एक साथ मिलाकर एक शीशी की बोतल में भर दीजिए। इस मंजन से प्रतिदिन दांत साफ करने से दांतों में कोई भी रोग नहीं होता है।
दांतों के कई प्रकार के रोगों को ठीक करने के लिए दांतों पर स्थानीय चिकित्सा करने के साथ-साथ पूरे शरीर की प्राकृतिक साधनों से चिकित्सा करनी चाहिए जो इस प्रकार हैं- उपवास, एनिमा, मिट्टी पट्टी, कटिस्नान, गला लपेट, धूपस्नान, तथा जलनेति आदि।
दांतों में होने वाले सभी प्रकार के रोगों को ठीक करके ही दांतों को खोखलेपन तथा सुराख होने से बचा जा सकता है।
यदि दांतों में ज्यादा अधिक खोखलापन हो जाये तो उन्हें भरवा देना चाहिए क्योंकि यदि इनको भरवाया नहीं गया तो खोखले दांतों के अन्दर कीड़े लग जायेंगे और फिर दांत को निकलवाना पड़ सकता है।

दांतों में सुराख (खोखलापन) (Dental Caries) – danton mein surakh (khokhlapan) (daintal chariais) – पुरुष रोग का प्राकृतिक चिकित्सा – purush rog ka prakritik chikitsa

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