ऐसे भगाएँ रोग
संस्था के योग विशेषज्ञ पवन गुरु ने बताया कि शिविर में इस मौसम में विशेष रूप से लाभकारी भस्त्रिका प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, पवन मुक्तासन, मत्स्य आसन व वज्र सुप्तासन का प्रशिक्षण देकर सही आहार के संबंध में भी जानकारी दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि भस्त्रिका व अनुलोम-विलोम प्राणायाम से श्वसन तंत्र मजबूत होता है, नाड़ियों की सफाई होती है। नियमित रूप से इसे करने से सर्दी-जुकाम, कफ आदि की परेशानी से निजात मिलती है। वहीं पवन मुक्तासन के जरिए शरीर के सभी हिस्सों की हड्डियों व माँसपेशियों का संचालन होता है जिससे उन्हें मजबूती मिलती है।
इस आसन को करने के बाद शरीर अन्य आसनों के लिए भी तैयार हो जाता है। सुप्त वज्रासन व मत्स्य आसन करने से थाइराइड, गायनिक, सर्वाइकल, अस्थमा आदि रोगों के कारण होने वाली परेशानियों से राहत मिलती है।