कालसर्प दोष कितने वर्ष तक रहता है

tula rashi- (raa

तुला राशि- (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते) – चौदहवां दिन – Day 14 – 21 Din me kundli padhna sikhe – tula rashi- (raa, ree, roo, re, ro, ta, tee, too, te) – Chaudahavaan Din

संतान पक्ष से खर्चा बढ़ेगा। वाहन प्राप्ति का योग बन रहा है। व्यापारिक तथा व्यावसायिक कार्यों के लिए काफी भागदौड़ चलेगी। शत्रु पक्ष कमजोर पड़ेगा। राजकीय कार्यों में बहुत लाभ मिलेगा। सामाजिक दायित्व बढ़ेगा। विवाह जैसे शुभ कार्यों में खर्चा तथा सेवा कार्यों में सहभागिता बनी रहेगी। 14, 22, 28 अशुभ संकेत करते हैं। कोई […]

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grahon ki drishti ka dhyan rakhne jaroori hai

ग्रहों की दृष्टि का ध्यान रखना जरूरी हैग्रहों की द्रिष्टि का ध्यान रखना जरूरी है – चौदहवां दिन – Day 14 – 21 Din me kundli padhna sikhe – grahon ki drishti ka dhyan rakhne jaroori hai – Chaudahavaan Din

ग्रह अपने से सप्तम स्थान को देखता है, यह सभी शास्त्रों में प्रचिलित है, साथ ग्रह अपने से चौथे भाव को अपनी द्रिष्टि से शासित रखता है और ग्रह अपने से दसवें भाव के लिये कार्य करता है, लेकिन सप्तम के भाव और ग्रह से ग्रह का जूझना जीवन भर होता है, इसके साथ ही

ग्रहों की दृष्टि का ध्यान रखना जरूरी हैग्रहों की द्रिष्टि का ध्यान रखना जरूरी है – चौदहवां दिन – Day 14 – 21 Din me kundli padhna sikhe – grahon ki drishti ka dhyan rakhne jaroori hai – Chaudahavaan Din Read More »

kundali milan ke any naam

कुंडली मिलान के अन्य नियम – ग्यारहवाँ दिन – Day 11 – 21 Din me kundli padhna sikhe – kundali milan ke any naam – Gyarahavaan Din

वर के सप्तम स्थान का स्वामी जिस राशि में हो, वही राशि कन्या की हो तो दांपत्य-जीवन सुखमय होता है। यदि कन्या की राशि वर के सप्तमेश का उच्च स्थान हो तो दांपत्य-जीवन में प्रेम बढ़ता हैै। संतान और सुख होता है। वर के सप्तमेश का नीच स्थान यदि कन्या की राशि हो तो भी

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sukhad bhavishya ka jamana

सुखद भविष्य की कामना – ग्यारहवाँ दिन – Day 11 – 21 Din me kundli padhna sikhe – sukhad bhavishya ka jamana – Gyarahavaan Din

ज्योतिष शास्त्र ग्रह, योग, नक्षत्र, राशि आदि के आधार पर यह निश्चय करता है कि अमुक राशि, नक्षत्र, योग वाले व्यक्ति का अमुक राशि, नक्षत्र, योग वाली कन्या से वैवाहिक संबंध कैसा रहेगा? दोनों पक्षकारों का पारस्परिक स्वभाव, प्रेम, आचार-व्यवहार कैसा रहेगा? क्योकि समान आचार-व्यवहार वाले वर-कन्या होने पर ही दाम्पत्य जीवन सुखमय हो सकता

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tatva ki mitrata ya shatruta

तत्वों की मित्रता व शत्रुता – ग्यारहवाँ दिन – Day 11 – 21 Din me kundli padhna sikhe – tatva ki mitrata ya shatruta – Gyarahavaan Din

पृथ्वी तत्व की मित्रता जल तत्व के साथ, अग्नि तत्व की मित्रता वायु तत्व के साथ, पृथ्वी तत्व की मित्रता वायु तत्व के साथ होती है।पृथ्वी तत्व की अग्नि तत्व के साथ, जल तत्व की अग्नि तत्व के साथ और जल तत्व की वायु तत्व के साथ शत्रुता होती है। तत्व के इस विचार को

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naam se kundali milan

नाम से कुंडली मिलान – नौवां दिन – Day 9 – 21 Din me kundli padhna sikhe – naam se kundali milan – Nauvan Din

– पुराने जमाने में क्या होता था कि बच्चे का जन्म होते ही पंडित को बुलाया जाता था जन्म समय को देखकर उसका नाम निकलवाया जाता था अक्षर से नाम रखा जाता था आधुनिक समय में यह सब नहीं होता है अक्सर लोग नाम पहले से सोचकर रखते हैं और बच्चे का जन्म होने पर

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kundalee mein ek prakaar ke grahan dosh

कुंडली में एक प्रकार के ग्रहण दोष – छठा दिन – Day 6 – 21 Din me kundli padhna sikhe – kundalee mein ek prakaar ke grahan dosh – Chhatha Din

ग्रहण दोष दो प्रकार के होते है सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण ! सूर्य ग्रहण का उपाय उस समय किया जाता है जब सूर्य ग्रहण का मध्य काल हो और चन्द्र ग्रहण का उपाय चन्द्र ग्रहण में किया जाता है ! यहाँ मै सूर्य ग्रहण का उपाय बता रहा हूँ जो आप सूर्य ग्रहण के

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vasuki kaal sarp dosh

वासुकी कालसर्प दोष – चौथा दिन – Day 4 – 21 Din me kundli padhna sikhe – vasuki kaal sarp dosh – Chautha Din

जब कुंडली में राहू तीसरे घर में, केतु नौवें घर में और बाकी के सभी गृह इन दोनों के मध्य में स्थित हो तो वासुकी काल्सर्प् दोष का निर्माण होता है ! जिन जातकों की कुंडली में वासुकी कालसर्प दोष होता है उन्हें जीवन के सभी क्षेत्र में बुरी किस्मत की मार खानी पड़ती है,

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shankhchud kalasarp yoga

शंखचूड़ कालसर्प योग – कालसर्प दोष | Shankhchud Kalasarp Yoga – kaal sarp dosh

  शंखचूड़ कालसर्प योग ● योग: केतु तीसरे स्थान में व राहु नवम स्थान में तथा इसके बीच सारे ग्रह आ जाये तो शंखचूड़ नामक कालसप्र योग बनता है. ● प्रभाव: इस योग से पीड़ित जातकों का भाग्योदय होने में अनेक प्रकार की अड़चने आती रहती हैं. व्यावसायिक प्रगति, नौकरी में प्रोन्नति तथा पढ़ाई-लिखाई में

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karkotak kalsarp yoga

कर्कोटक कालसर्प योग – कालसर्प दोष | Karkotak Kalsarp Yoga – kaal sarp dosh

  कर्कोटक कालसर्प योग ● योग: केतु दूसरे स्थान में और राहु अष्टम स्थान में तथा इसके बीच सारे ग्रह आ जाये तो कर्कोटक नाम कालसर्प योग बनता है. ● प्रभाव: ऐसे जातकों के भाग्योदय में इस योग की वजह से कुछ रुकावटें अवश्य आती हैं. नौकरी मिलने व पदोन्नति होने में भी कठिनाइयां आती

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