केतु का स्वभाव

sheshnag kaal sarp dosh

शेषनाग कालसर्प दोष – तेरहवां दिन – Day 13 – 21 Din me kundli padhna sikhe – sheshnag kaal sarp dosh – Terahavaan Din

कुंडली के बारहवें घर में राहू, छठे घर में केतु और बाकी सभी गृह इन दोनों के मध्य फसे होने से शेषनाग कालसर्प दोष का निर्माण होता है ! शेषनाग कालसर्प दोष जातक के जीवन में कई समस्याएं उत्पन्न करता है ! जातक हमेशा गुप्त दुश्मनों डर में रहता है, उसके गुप्त दुश्मन अधिक होते […]

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ise milakar karen vivaah

इसे मिलाकर करें विवाह, वरना 36 गुण मिलने पर भी होगा तलाक – तेरहवां दिन – Day 13 – 21 Din me kundli padhna sikhe – ise milakar karen vivaah, warna 36 gun milane par bhi hoga talaak – Terahavaan Din

विवाह मानव जीवन का सबसे महत्वपूर्ण संस्कार है। इस संस्कार मे बंधने से पूर्व वर एवं कन्या के जन्म नामानुसार गुण मिलान करके की परिपाटी है। गुण मिलान नहीं होने पर सर्वगुण सम्पन्न कन्या भी अच्छी जीवनसाथी सिद्ध नहीं होगी। गुण मिलाने हेतू मुख्य रूप से अष्टकूटों का मिलान किया जाता है। ये अष्टकूट है,

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bhakoot dosh

भकूट दोष – तेरहवां दिन – Day 13 – 21 Din me kundli padhna sikhe – bhakoot dosh – Terahavaan Din

– गुण मिलान की प्रक्रिया में आठ कूटों का मिलान किया जाता है जिसके कारण इसे अष्टकूट मिलान भी कहा जाता है तथा ये आठ कूट हैं, वर्ण, वश्य, तारा, योनि, ग्रह मैत्री, गण, भकूट और नाड़ी तथा आइए अब देखें कि भकूट नाम का यह कूट वास्तव में होता क्या है। किसी कुंडली में

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kundalee ka navaan bhaav - kundalee dekhane ke niyam

कुंडली का नवां भाव – कुंडली देखने के नियम – तेरहवां दिन – Day 13 – 21 Din me kundli padhna sikhe – kundalee ka navaan bhaav – kundalee dekhane ke niyam – Terahavaan Din

कुंडली के नौवें भाव को वैदिक ज्योतिष में भाग्य स्थान के नाम से जाना जाता है तथा कुंडली का यह भाव मुख्य तौर पर जातक के पूर्वजन्मों में संचित अच्छे या बुरे कर्मों से इस जन्म में मिलने वाले फलों के बारे में बताता है। कुंडली का नौवां भाव जातक के पूर्वजो के साथ भी

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shukr ke anisht mein hone par karen yah upaay

शुक्र के अनिष्ट में होने पर करें यह उपाय – नौवां दिन – Day 9 – 21 Din me kundli padhna sikhe – shukr ke anisht mein hone par karen yah upaay – Nauvan Din

किसी जातक के गोचर में शुक्र अशुभ हो तथा कुंडली में पहले, छठे व नौवें भाव में स्थित हो तो चर्म रोग, स्वप्न दोष, धोखा, हाथ की अंगूठी आदि निष्क्रिय होने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। क्या उपाय करें : 43 दिनों तक किसी गंदे नाले में नीले फूल डालें। स्त्री का सम्मान करें।

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ketu ka baarahaven bhaav - ketu grah - prabhaav aur upaay

केतु का बारहवें भाव – केतु ग्रह – प्रभाव और उपाय – आठवाँ दिन – Day 8 – 21 Din me kundli padhna sikhe – ketu ka baarahaven bhaav – ketu grah – prabhaav aur upaay – Aathavaan Din

केतु का बारहवें भाव में फल यहाँ केतु को उच्च का माना जाता है। जातक अमीर होगा, बडा पद प्राप्त करेगा, और अच्छे कामों को समर्पित होगा। यदि राहू छठवें भाव में बुध के साथ हो तो बेहतर परिणाम मिलते हैं। जातक को सभी तरह के लाभ और विलासिता की चीजों की प्राप्ति होती है।

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ketu ka dasaven bhaav - ketu grah - prabhaav aur upaay

केतु का दसवें भाव – केतु ग्रह – प्रभाव और उपाय – आठवाँ दिन – Day 8 – 21 Din me kundli padhna sikhe – ketu ka dasaven bhaav – ketu grah – prabhaav aur upaay – Aathavaan Din

केतु का दसवें भाव में फल दसवां घर शनि का होता है। यहाँ के केतु के परिणाम शनि की प्रकृति पर निर्भर करते हैं। यदि केतु शुभ हो तो जातक भाग्यशाली होता, अपने बारे में चिन्ता करने वाला होता है और अवसरवादी होता है। उसके पिता की मृत्यु जल्दी हो जाती है। यदि शनि छठवें

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ketu ka paanchaven bhaav - ketu grah - prabhaav aur upaay

केतु का पांचवें भाव – केतु ग्रह – प्रभाव और उपाय – आठवाँ दिन – Day 8 – 21 Din me kundli padhna sikhe – ketu ka paanchaven bhaav – ketu grah – prabhaav aur upaay – Aathavaan Din

केतु का पांचवें भाव में फल पांचवां घर सूर्य का होता है। यह बृहस्पति से भी प्रभावित होता है। यदि बृहस्पति, सूर्य या चंद्रमा चौथे, छठवें या बारहवें घर में हों तो आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी होगी और जातक को पांच पुत्र होंगे। चौबीस साल की उम्र के बाद केतू स्वयमेव शुभ हो जाता है।

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ketu ka pahale bhaav - ketu grah - prabhaav aur upaay

केतु का पहले भाव – केतु ग्रह – प्रभाव और उपाय – आठवाँ दिन – Day 8 – 21 Din me kundli padhna sikhe – ketu ka pahale bhaav – ketu grah – prabhaav aur upaay – Aathavaan Din

केतु का पहले भाव में फल यदि केतु इस घर में शुभ है, तो जातक श्रमसाध्य, अमीर और खुशहाल होगा। लेकिन अपनी संतान की वजह से हमेशा चिंतित और परेशान होगा। वह लगातार स्थानान्तरण या यात्रा डरा रहेगा लेकिन अंत में यह हमेशा ये स्थगित हो जाया करेंगे। जब वर्ष कुंडली में केतू पहले घर

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ketu ka teesare bhaav - ketu grah - prabhaav aur upaay

केतु का तीसरे भाव – केतु ग्रह – प्रभाव और उपाय – आठवाँ दिन – Day 8 – 21 Din me kundli padhna sikhe – ketu ka teesare bhaav – ketu grah – prabhaav aur upaay – Aathavaan Din

केतु का तीसरे भाव में फल तीसरा घर बुध और मंगल से प्रभावित होता है, दोनो ही केतू के शत्रु हैं। तीन की संख्या जातक के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यदि तीसरे भाव का केतू शुभ है तो जातक के बच्चे अच्छे होंगे। जातक सभ्य और भगवान से डरने वाला होगा। यदि

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