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वास्तु – वास्तु शास्त्र के अनुसार घर – vaastu – vastu shastra ke anusar ghar

वास्तु शास्त्र के अनुसार हर मनोकामना पूर्ति के लिए भवन के अलग-अलग स्थान उत्तरदायी होते हैं।
अगर आप भी अपनी मनोकामनाएं पूरी करना चाहते हैं तो इन वास्तु नियमों का पालन अवश्य करें-
1- वास्तु शास्त्र के अनुसार वायव्य कोण वायुदेवता का स्थान है। अत: विवाह योग्य कन्या को वायव्य कोण( उत्तर-पश्चिम) में स्थित कमरा देना चाहिए। इससे उसका विवाह शीघ्र हो जाता है।
2- यदि आप स्थान परिवर्तन चाहते हैं तो भी वायव्य कोण के कमरे में रहना ठीक होता है। इससे शीघ्र ही स्थान परिवर्तन हो जाता है।
3- लेकिन अगर आप स्थान परिवर्तन नहीं चाहते हो तो वायव्य कोण में स्थित कमरे में नहीं रहना चाहिए इससे जीवन में अस्थिरता आ जाती है।
4- दक्षिण-पूर्व में स्थित कमरे में रहने वाला परिवार का सदस्य झगड़ालू प्रवृत्ति का हो जाता है तथा वह असंतुष्ट रहने लगता है। अत: इस स्थान पर कमरा न बनाकर किसी अन्य उपयोग में ले सकते हैं।
5- दक्षिण-पश्चिम में स्थित कमरा स्थायित्व प्रदान करता है। अत: यह गृह स्वामी के रहने का उपयुक्त स्थान होता है।
6- उत्तर-पूर्व के कमरे में रहने वाले परिवार के सदस्य का स्वास्थ्य खराब रहता है। इसलिए यह स्थान खुला ही छोड़ दें।

वास्तु – vaastu – वास्तु शास्त्र के अनुसार घर – vastu shastra ke anusar ghar

 

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