अष्टम भाव में गुलिक की स्थिति से व्यक्ति सदा भूख के कारण परेशान रहता है। ऎसा व्यक्ति दीन व दुखी रहता है, यह निर्दयी भी होता है और इसे अत्यधिक क्रोध आता है। इसका हृ्दय बहुत कठोर होता है और दया भाव का अभाव रहता है। इसके पास बहुत अधिक मात्रा में धन नहीं होता है और अच्छे गुणों से यह विहीन होता है। अष्टम भाव में गुलिक के स्थित होने से यह दूसरे भाव को दृष्ट करती है जिससे व्यक्ति का चेहरा आभाहीन व कांतिहीन होता है, जिससे चेहरे पर कम चमक नजर आती है। कई बार चेहरे पर झांईयाँ होने के कारण कालापन भी झलकने लगता है। कई बार व्यक्ति को नेत्र संबंधी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है।
बहुत बार व्यक्ति के भीतर कैल्सियम की कमी का भी अहसास होता है। अष्टम भाव में गुलिक के होने से व्यक्ति को कब्ज की बहुत शिकायत रहती है जिसके कारण व्यक्ति बवासीर का भी शिकार हो जाता है। यदि ऎसे व्यक्ति के पिता की मृत्यु हो जाती है तब यह अपने पिता की संपत्ति को लेकर थोड़ा बेईमान हो जाता है।