dusre bhav me gulik ka phal - janam kundli ke bhavon mein maandi athava gulik ka prabhaav

दूसरे भाव में गुलिक का फल – जन्म कुंडली के भावों में मांदि अथवा गुलिक का प्रभाव – सोलहवां दिन – Day 16 – 21 Din me kundli padhna sikhe – dusre bhav me gulik ka phal – janam kundli ke bhavon mein maandi athava gulik ka prabhaav – Solahavaan Din

जब किई व्यक्ति की जन्म कुंडली के दूसरे भाव में गुलिक स्थित होता है तब व्यक्ति देखने में भद्दा अथवा ज्यादा सुंदर नहीं होगा। ऎसा व्यक्ति दीन व दुखी रहता है। स्वार्थी होता है और धनाभाव में भी रहता है। इसे किसी की कोई लाज नहीं होती है और ना ही इसे किसी से लड़ने में ही कोई हिचक अथवा झिझक ही होती है। ऎसे व्यक्ति की वाणी कठोर होती है और यह अपने परिवार के लिए भी अनुकूल नहीं होता है। यह अपने किए वादों पर कभी कायम नहीं रहता है। यह बेवकूफी भरी बातें ज्यादा करता है और यौन सुख में लिप्त रहता है। ऎसे व्यक्ति को आंखों से संबंधित रोग परेशान करते हैं।

दूसरे भाव में गुलिक के प्रभावस्वरुप व्यक्ति का धन उसके नौकर द्वारा अथवा किसी निचले वर्ग के व्यक्ति द्वारा चुराए जाने की संभावना भी बनती है। ऎसा भी देखा गया है कि जिन चीजों को अत्यधिक संभाल कर रखा जाता है उन्हें अकसर जंग लग जाता है अथवा किन्हीं अन्य कारणों से वह खराब हो जाती हैं।

दूसरे भाव में गुलिक का फल – जन्म कुंडली के भावों में मांदि अथवा गुलिक का प्रभाव – dusre bhav me gulik ka phal – janam kundli ke bhavon mein maandi athava gulik ka prabhaav – सोलहवां दिन – Day 16 – 21 Din me kundli padhna sikhe – Solahavaan Din

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