dwadash bhav mein gulik ka phal - janm kundli ke bhaavon mein maandi athava gulik ka prabhaav

द्वादश भाव में गुलिक का फल – जन्म कुंडली के भावों में मांदि अथवा गुलिक का प्रभाव – सोलहवां दिन – Day 16 – 21 Din me kundli padhna sikhe – dwadash bhav mein gulik ka phal – janm kundli ke bhaavon mein maandi athava gulik ka prabhaav – Solahavaan Din

जिन व्यक्तियों की जन्म कुंडली के द्वादश भाव में गुलिक स्थित होता है वह व्यक्ति निचले स्तर के कामों में ज्यादा लिप्त रहते हैं। ऎसे व्यक्ति अंगहीन भी हो सकते हैं और यह गलत कामों को करने की भी प्रवृति रखते हैं। यह आलसी, निष्क्रिय व अकर्मण्य व्यक्ति होते हैं। ऎसे व्यक्ति नीचे स्तर के लोगों के साथ यौन संबंध स्थापित करते हैं।

द्वादश भाव में स्थित गुलिक के कारण व्यक्ति सामान्यत: आर्थिक तंगी का सामना अधिक करता है। ऎसे व्यक्ति कोई भी काम करें लेकिन अपने व्यवसाय में यह किसी भी तरह का कोई विशेष लाभ नहीं पाता है। ऎसे व्यक्ति का जीवनसाथी अकसर बीमार ही रहता है, इसलिए इसके भीतर उत्तेजना व चिड़चिड़ापन ज्यादा रहता है।

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