ekaadash bhav mein gulik ka phal - janm kundli ke bhavon mein maandi athava gulik ka prabhaav

एकादश भाव में गुलिक का फल – जन्म कुंडली के भावों में मांदि अथवा गुलिक का प्रभाव – सोलहवां दिन – Day 16 – 21 Din me kundli padhna sikhe – ekaadash bhav mein gulik ka phal – janm kundli ke bhavon mein maandi athava gulik ka prabhaav – Solahavaan Din

जिन व्यक्तियों की जन्म कुंडली के एकादश भाव में गुलिक स्थित होती है वह अपने आदमियों का नेता होकर उनका नेतृत्व करता है। ऎसा व्यक्ति अपने रिश्तेदारों के कामों को कराने में सदा व्यस्त रहता है। इसकी कद काठी मध्यम स्तर की होती है और यह अपने क्षेत्र का सम्राट होता है। ऎसा व्यक्ति उच्च स्तर के लोगों के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करने में आनंद का अनुभव करता है। लेकिन इन सब के बावजूद व्यक्ति प्रतिभावान होता है। मेधावी व कुशाग्र बुद्धि वाला होता है, पराक्रमी होता है, नेता होता है, धनी-मानी होता है और सभी प्रकार की खुशियों से युत होता है।

एकादश भाव से बड़े बहन-भाईयों का विचार किया जाता है, इसलिए जब एकादश भाव में गुलिक स्थित होता है तब ऎसे व्यक्ति के अपने बड़े बहन-भाईयों से संबंधों में कटुता का भाव होता है और अकसर संबंध तनाव से भरे रहते हैं। ऎसा व्यक्ति अत्यधिक महत्वाकांक्षी भी होता है। ऎसा व्यक्ति अपने विवाह के बाद भी अन्य लोगों से संबंध स्थापित करता है।

एकादश भाव में गुलिक का फल – जन्म कुंडली के भावों में मांदि अथवा गुलिक का प्रभाव – ekaadash bhav mein gulik ka phal – janm kundli ke bhavon mein maandi athava gulik ka prabhaav – सोलहवां दिन – Day 16 – 21 Din me kundli padhna sikhe – Solahavaan Din

Tags: , , , , , , , , , ,

Leave a Comment

Scroll to Top