navam bhav mein gulik ka phal - janm kundli ke bhavon mein maandi athava gulik ka prabhaav

नवम भाव में गुलिक का फल – जन्म कुंडली के भावों में मांदि अथवा गुलिक का प्रभाव – सोलहवां दिन – Day 16 – 21 Din me kundli padhna sikhe – navam bhav mein gulik ka phal – janm kundli ke bhavon mein maandi athava gulik ka prabhaav – Solahavaan Din

जिनके जन्म कुंडली के नवें भाव में गुलिक स्थित होती है वह जीवन में बहुत सी कठिनाईयों का सामना करते हैं। यह क्षीण होते हैं और बुरे कामों को करने की ओर ही इनकी प्रवृति रहती है। यह दया भावना कम ही रखते हैं और इनकी बुद्धि भी दुष्टता की ओर रहती है। यह किस्से कहानियाँ ज्यादा गढ़ते हैं और अपना ही बखान करते रहते हैं। नवम भाव को गुरुओं का स्थान भी माना जाता है, इसलिए नवम भाव में पाप ग्रह अथवा पाप प्रभाव इसके शुभ फलों को कम करता है। जब नवम भाव में गुलिक होती है तब व्यक्ति अपने गुरुओं तथा बड़ो का आदर व सम्मान कम ही करता है।

ऎसा व्यक्ति अपने पूर्वजों के लिए किसी भी प्रकार का कोई कर्म नहीं करता है। उनके प्रति कोई श्रद्धा भाव नहीं रखता है। ऎसे व्यक्ति के सामने दुर्भाग्य कई रुपों में आकर खड़ा हो जाता है। यह अपने पिता की ओर से किसी तरह की कोई खुशी अथवा लाभ नहीं पाता है और इसकी संतान भी इसे नजर अंदाज करती है।

नवम भाव में गुलिक का फल – जन्म कुंडली के भावों में मांदि अथवा गुलिक का प्रभाव – navam bhav mein gulik ka phal – janm kundli ke bhavon mein maandi athava gulik ka prabhaav – सोलहवां दिन – Day 16 – 21 Din me kundli padhna sikhe – Solahavaan Din

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