अंक ज्योतिष एक महत्वपूर्ण विद्या है, जिसके द्वारा अंकों के माध्यम से व्यक्ति के विषय एवं उसके भविष्य को जानने का प्रयास किया जाता है. अंक ज्योतिष में अंकों के माध्यम द्वारा गणित के नियमों का व्यवहारिक उपयोग करके मनुष्य के विभिन्न पक्षों, उसकी विचारधारा , जीवन के विषय इत्यादि का विशद विवरण प्रस्तुत करने का प्रयास किया जाता है. अंक ज्योतिष को अंक विद्या या अंक शास्त्र और संख्या शास्त्र इत्यादि के नाम से भी जाना जाता है. अंक शास्त्र में नौ ग्रहों सूर्य, चन्द्र, गुरू, यूरेनस, बुध, शुक्र, वरूण, शनि और मंगल को आधार बनाकर उनकी विशेषताओं के आधार पर गणना की जाती है.
अंक ज्योतिष को अंग्रेजी में न्यूमरोलॉजी के नाम से पहचाना जाता है. यदि हम अंक ज्योतिष के इतिहास को जानने का प्रयास करें तो पाएंगे कि इसका इतिहास 10,000 पूर्व से भी पहले का रहा होगा मिस्र, बेबिलोन और ग्रीस में इनकी जडों का पनपना आरंभ हुआ तथा पाइथागोरस जी के कार्यों द्वारा इन्हें प्रमुखता प्राप्त हुई. कोई भी दिन अंकों के बिना नहीं बीतता है. मिस्र के महान गणित शास्त्र पायथागोरस ने अंकों की महत्ता के विषय में इस तथ्य का अनुमोदन किया कि “ Number rules the universe’’ अर्थात अंक ब्रह्मांड पर राज करते हैं.