विशेषताएं ►
मूलांक छह का स्वामी शुक्र है. ये स्वाभिमानी, सौंदर्य प्रेमी, गंभीर, उदार और विश्वासपात्र होते हैं. इनका दांपत्य-जीवन मधुर रहता है. आप लोग परिवार, गृहस्त और समुदाय से जुड़े रहते हैं और प्रेम और करुणा से ओत-प्रोत सबको प्रसन्न रखते हैं. आप सबका ख्याल रखने, सेवा करने में आनंद प्राप्त करते हैं. आपका जीवन आपके परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के इर्द-गिर्द ही रहता है.
आपका मानवता पर यकीन रहता है और आप अपने साथ के लोगों की भलाई में अपना जीवन लगा देते हैं. जिम्मेदारी और जागरूकता आपका विशेष गुण है.
आप दूसरों की सेवा और ख्याल रखने में कभी कभी अपने बारे में ध्यान देना बंद करते हैं. दूसरों को सहारा देने में आप खुद को भूलने लगते हैं.
आप सांसारिक हैं फिर भी आप नीतिवान हैं. आपका सुन्दर व्यक्तित्व सबको पसंद आता है और सबका ध्यान रखते हैं.
कमियाँ ►
1. आपका सेवा-भाव आप के व्यक्तित्व की सबसे बड़ी खूबी है, परन्तु, लोग इसका नाजायज़ फायदा उठाने लगते हैं और आप को दास के सामान इस्तेमाल करने लगते हैं. आप सेवा-भाव और मानवता के कारण बिना खुद पर ध्यान दिए आप दूसरों के लिए सदैव खड़े रहते हैं. इस बात का ध्यान रखें की इसका कोई दुरुपयोग न करे.
2. आपका बॉस आपको ज़रुरत से ज़्यादा काम ले कर आप को बिना किसी पारिश्रमिक या पुरस्कार के इस्तेमाल कर सकता है.
3. आप खुद का ख्याल रखें और खुद को सम्मान दें, सराहें और अपना आत्म-सम्मान बना के रखें.
विवेचना ►
• स्वामी ग्रह- शुक्र
• शुभ तिथियां- 6, 15, 24
• महत्वपूर्ण समय- 20 अप्रैल से 24 मई, 21 सितम्बर से 24 अक्टूबर
• सहायक तिथियां- 3, 12, 21, 30 व 9, 18, 27
• महत्वपूर्ण वर्ष- 6, 15, 24, 33, 42, 51, 60, 69
• सहायक वर्ष- 3, 12, 21, 30, 39, 48, 57, 66, 75 तथा 9, 18, 27, 36, 45, 54, 63, 72वां वर्ष
• निर्बल समय- अप्रैल, अक्टूबर, नवम्बर
• शुभ दिन- शुक्रवार, मंगलवार, गुरुवार
• सर्वाधिक शुभ – शुक्रवार
• शुभ रंग- हल्का नीला, आसमानी, गहरा नीला, गुलाबी, चाकलेटी
• अशुभ रंग- काला, लाल
• शुभ रत्न- हीरा
• शुभ धातु- सुवर्ण
• रोग- फेफड़े संबंधी, धातु क्षीणता, मूत्र रोग, स्नायु निर्बलता, कफ, जुकाम, कब्जियत
• देव- कार्तवीर्यार्जुन
• स्त्री देव- संतोषी माता
• दान पदार्थ- हीरा, स्वर्ण, चांदी, चावल, मिश्री, श्वेत वस्त्र, चंदन, सुगन्धित द्रव्य
• विवाह संबंध- 15 फरवरी से 15 मार्च, 15 मई से 14 जून, 15 अक्टूबर से 18 नवम्बर व 15 अप्रैल से 14 मई के मध्य जन्मे जातको से
• मित्र अंक- 2, 4, 9
• शत्रु अंक- 1, 3, 5, 7, 8
• व्यवसाय- होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, महाजनी कार्य, संगीत, वाद्य, लेखन, नाट्य, वस्त्र व्यवसाय, बागवानी, अभिनय, श्रृंगार प्रसाधन, रेशम, मिष्ठान, साहित्य, सार्वजनिक कार्य, समाज सेवा, यातायात इत्यादि
• श्रेष्ठ दिशा- पश्चिम, उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम
• प्रतिकूल दिशा- दक्षिण पश्चिम