विशेषताएं ►
मूलांक चार का स्वामी हर्षल ग्रह है. आप लोग निरंतर क्रियाशील रहते हैं. आप लोग सामाजिक और व्यावहारिक सोच रखने वाले लोगों में से हैं. आप मेहनती हैं और मेहनत से अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं. ये लोग कभी बहुत संपन्न तो कभी बहुत विपन्न भी देखे गए हैं. धन का गमनागमन, उन्नति-पतन, यश-अपयश, जय-पराजय, हानि-लाभ, सौभाग्य-दुर्भाग्य इत्यादि इनके जीवन में आता-जाता रहता है. ये नवीनता के उपासक और प्राचीन रूढ़िवादिता का विरोध करते हैं. ये पूर्णरूप से सामाजिक होते हैं और उसका निर्वहन करते हैं.
आप लोग संगठित रहते हैं और दूसरों से भी यही उम्मीद रखते हैं. घर पर साज सज्जा के साथ रहना इन्हे पसंद है और अगर इन्हे असंगठित देखें तो जान लीजिये की कुछ ठीक नहीं है.
आप लोग त्यौहार, पर्व, पार्टी मानाने के शौक़ीन होते हैं और इसी से अपना दिमाग शांत रखते हैं. इनका सही और गलत का परख अच्छा रहता है और ये खुद ईमानदार होते हैं और दूसरों की ईमानदारी का सम्मान करते हैं. आप लोगों के सपने सत्यता के करीब होते हैं और उन्हें म्हणत से पूरा करने में आप कभी पीछे नहीं हटते.
आप निर्माण कार्य जैसी चीज़ों में ज्यादा निपुण होते हैं, इसके अलावा आप अच्छे इंजीनियर, वकील, मैकेनिक या अकाउंटेंट भी हो सकते हैं. आप कभी भी अपने आस पास लोगों को शिक्षित करने में कभी नहीं चूकते.
आप लोग वफादार, भरोसेमंद और अपनी बात के पक्के होते हैं और एक अच्छा मित्र या साथी साबित होते हैं. कुल मिला जुला कर आप एक सामाजिक, व्यवहारिक और भरोसेमंद इंसान हैं.
कमियाँ ►
1. अपने तरीके से काम करने के वजह से आप लोग कभी कभी जिद्दी या गुस्सैल हो जाते हैं और अपनी जिद्द में दूसरों की बातों को नज़रअंदाज़ कर जाते हैं.
2. आप लोगों के मुह पर बिना लिहाज़ किये ऐसे बातें बोल देते हैं जिससे आप के बहुत से शत्रु बन जाते हैं. ऐसी परिस्तिथियों से बचे और अपने ज़बान और लिहाज़ का ख्याल रखें.
3. व्यवहारिक होने के बावजूद आप अपनी योजनाओं को मूर्त रूप देने में इतना विलम्ब करते हैं जिससे सही मौका हाथ से निकल जाता है.
4. आप कभी कभी ऐसा महसूस करने लगते हैं की सब ठीक चल रहा है और कुछ भी करने की ज़रुरत नहीं है, आप का यही स्वभाव अच्छे मौकों को छोड़ देता है और बाद में बहुत देर हो चुकी रहती है. आप अपनी निरंतरता बनाये रखे और यही आप का स्वाभाव भी है.
5. अगर आप उम्मीद से कम आराम या मज़ा करते हैं तो आप निराशा के गर्त में जाने लगते हैं. हालाँकि, आराम आपका स्वाभाव नहीं हैं.
विवेचना ►
• स्वामी ग्रह : हर्षल
• शुभ समय : 21 जून से 30 अगस्त
• निर्बल समय : अक्टूबर, नवम्बर, दिसम्बर
• शुभ तिथियां : 4, 13, 22, 31
• सहायक तिथियां : 2, 11, 20, 29
• शुभ वर्ष : 4, 13, 22, 31, 40, 45, 58, 67
• सहायक वर्ष : 2, 11, 20, 29, 38, 47, 56, 65, 74
• शुभ दिन : रविवार, सोमवार, शनिवार
• सर्वोत्तम दिन : शनिवार
• शुभ रंग : धूप-छांव, नीला, भूरा, चटक रंग
• रत्न : नीलम
• रोग : रक्तदोष, संक्रामक रोग, पशु से आघात प्रभावित अंग- पिंडलियां व श्वास क्रिया
• देव : गणपति
• व्रत : गणेश चतुर्थी
• दान : लाल पदार्थ व खाद्यान्न
• विवाह संबंध : 15 जुलाई से 15 अगस्त, 15 मई से 14 जून तथा 15 अक्टूबर से 18 नवम्बर के मध्य जन्मे जातक से
• व्यवसाय : स्प्रिट, तेल, कैरोसिन, पारा, इत्र, रेल विभाग, वायु सेना, टेक्नीशियन, इंजीनियरिंग, रंगसाजी, छापे का कार्य, टेलीफोन • • • आपरेटर, पत्रकारिता, शिल्प कार्य, विद्युत कार्य, भाषण, उपदेशक, राज्यकर्मचारी, ठेकेदारी
• शुभ दिशा : दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम
• अशुभ दिशा : उत्तर-पश्चिम, उत्तर-पूर्व
• धातु : लौह