अनन्त कालसर्प दोष होने पर नागपंचमी के दिन एकमुखी, आठमुखी या नौमुखी रुद्राक्ष धारण करें।
यदि स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है तो नागपंचमी के दिन रांगे से बना सिक्का पानी में प्रवाहित करें।
कुलिक नामक कालसर्प दोष होने पर नागपंचमी के दिन दो रंग वाला कंबल अथवा गर्म वस्त्र दान करें।
वासुकि कालसर्प दोष होने पर नागपंचमी से पूर्व रात्रि को सोते समय सिरहाने पर थोड़ा बाजरा रखें और सुबह उठकर उसे पक्षियों को खिला दें।
शंखपाल कालसर्प दोष के निवारण के लिए नागपंचमी के दिन 400 ग्राम साबूत बादाम बहते पानी में प्रवाहित करें।
पद्म कालसर्प दोष होने पर नागपंचमी से प्रारंभ करते हुए 40 दिनों तक रोज सरस्वती चालीसा का पाठ करें।
महापद्म कालसर्प दोष के निदान के लिए नागपंचमी के दिन हनुमान मंदिर में जाकर सुंदरकांड का पाठ करें।
नागपंचमी के दिन यथाशक्ति को भोजन करवाकर दान-दक्षिणा दें।