विशेषताएं ►
आप महत्वाकांक्षी, नेतृत्व का गुण रखने वाले, कलात्मक, अनुशासन-प्रेमी और स्पष्टवादी स्वभाव के हैं. आप की कलात्मकता और अभिव्यक्ति कुशलता आप को कवि, रेडियो संचालक, लेखक और संगीतकार बनाता है. बहुत से कवि, गायक, रेडियो संचालक मूलांक तीन के पाये गए हैं.
आप अपने आस पास एक सकारात्मक ऊर्जा रखते है जो सबको पसंद आता है और आप जल्दी लोगों का दिल जीत लेते है और लोग आपके मुरीद हो जाते हैं. लोग आप के साथ सहज महसूस करते हैं. आप लोग आज पर कल से ज्यादा यकीन रखते हैं, इसी वजह से आप अपने जीवन का भरपूर आनंद लेते है. आपकी सोच इतनी सकारात्मक है कि आप सोचते हैं कि अपने आप समस्याएं सुलझ जाएंगी. इस सोच के अपने फायदे और नुकसान हैं.
आपके विचारों में धार्मिकता और विचारों का स्पष्ट अनुमोदन करने की क्षमता होती है. मानसिक रूप से समृद्ध होने के कारण आप गूढ़ विषयों में भी अच्छी समझ रखते हैं. आपका आकर्षक स्वभाव लोगों में लोकप्रिय बना देता है.
► कमियाँ
1. अनुशासन के प्रति आपकी कठोरता आप के नीचे काम करने वालों के लिए समस्या बना देती है. आप खुद भी अनुशासित हैं और वही सबसे अपेक्षा रखते हैं.
2. किसी भी नए कार्य को प्रारम्भ कर के उसे बीच में छोंड देना आपकी एक और समस्या है. आप हमेशा सफल होना चाहते हैं और यही पलायनवाद को जन्म देता है और आप सफलता हाथ न आने पर आप घोर निराशा प्राप्त करते हैं.
3. अगर आप किसी से भावनात्मक तौर से आहात होते हैं, तब आप कठिन से कठिन बातों से उसपर हमला करते हैं और सत्य को तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत करने की कोशिश करते हैं.
4. आप किसी का एहसान नहीं लेना चाहते. आप किसी की रोक-टोक पसंद नहीं करते और और स्वाभिमान आहात होने पर क्रोधित हो जाते हैं.
विवेचना ►
• स्वामी- देवगुरु वृहस्पति
• विशेष प्रभावी- 19 फरवरी से 21 मार्च के मध्य उत्पन्न जातक
• शुभ तिथियां- 3, 12, 21, 30
• सहायक तिथियां- 6, 15, 24 एवं 9, 18, 27
• शुभ वर्ष- 3, 12, 21, 30, 39, 48, 57, 66, 75
• सहायक वर्ष- 6, 15, 24, 33, 42, 51, 60, 69 एवं 9, 18, 27, 36, 45, 54, 63, 72
• शुभ दिन- गुरुवार, शुक्रवार, मंगलवार
• श्रेष्ठ दिन- गुरुवार
• शुभ रंग- पीला, चमकीला, गुलाबी, हल्का जामुनी
• उन्नत समय- मार्च, जून, सितम्बर, 19 फरवरी से 20 मार्च व 20 नवम्बर से 21 दिसम्बर
• निर्बल समय- 7, 16, 23 तिथियां व जनवरी, जुलाई माह
• शुभ रत्न- पीला पुखराज
• प्रभावित अंग- जंघा और उसके आसपास के अवयव
• रोग- चर्मरोग, रक्त दोष, वायु प्रकोप, मधुमेह, ज्वर, खांसी
• देव- विष्णु
• व्रत-पूर्णिमा
• दान- पुखराज, पीला कपड़ा, पुस्तक, चने की दाल, नींबू, नारंगी, कांस्य पात्र, शंख, चीनी, घी, हल्दी
• विवाह संबंध- 15 दिसम्बर से 14 जनवरी, 15 मार्च से 14 अप्रैल, 15 नवम्बर से 14 दिसम्बर व 15 अप्रैल से 14 मई के मध्य उत्पन्न जातक से
• व्यवसाय- वस्त्र, भोजनालय, धर्मोपदेश, लेखन, संपादन, कानूनी सलाहकार, व्याख्याता, वकील, क्लर्क, चिकित्सा कार्य, दलाली, आढ़त, • विज्ञापन, अभिनय, जल जहाज कार्य, पुलिस विभाग, दार्शनिक, प्रबंधन व जलीय व्यापार
• शुभ दिशा- दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व, उत्तर- पश्चिम
• अशुभ दिशा- ईशान कोण
• धातु- सुवर्ण