सम्पूर्ण वास्तु दोष

vaastudev ka poojan 1

वास्तुदेव का पूजन 1 – सम्पूर्ण वास्तु दोष – vaastudev ka poojan 1 – sampurna vastu dosh nivaran

सतत प्राप्त होती रहें। चूंकि ब्रह्मांड में आकाशीय तत्वों का बाहुल्य है एवम् मानव मस्तिष्क का नियामक आकाशही है अतः सुख, संपदा, स्वास्थ्य और दीर्घायु के निमित्त वास्तु में ब्रह्म स्थान की महत्ता का प्रतिपादन वास्तु शास्त्र करता है।पुराने समय में भगवान ब्रह्मा के निमित्त घर के बीच वाले स्थान में चैक या आंगन बनाया […]

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durga beesa yantra

दुर्गा बीसा यंत्र – सम्पूर्ण वास्तु दोष – durga beesa yantra – sampurna vastu dosh nivaran

दुर्गा बीसा यंत्र: दुर्गा देवी के नवार्ण मंत्र की शक्ति से युक्त इस सिद्ध बीसा यंत्र को प्राण प्रतिष्ठत करा कर दुकान के मुख्य द्वार पर स्थापित किया जाता है।गृह का आकार :- जिस भूखंड की लंबाई अधिक तथा चौड़ाई कम हो, समकोण वाली उस भूमि को आयताकार भू-खंड (प्लॉट) कहते हैं। इस प्रकारकी भूमि

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pashchimonmukh bhukhand ka vastu doshon ka nivaaran - dosh

पश्चिमोन्मुख भूखंड के वास्तु दोषों का निवारण – दोष – सम्पूर्ण वास्तु दोष – pashchimonmukh bhukhand ka vastu doshon ka nivaaran – dosh – sampurna vastu dosh nivaran

इस भूखंड के पश्चिम दिशा के दरवाजे का मुख नैत्य कोण में होने पर- उपाय :—– इस दरवाजे पर काले रंग का पेन्ट करवा दें तथा दरवाजे के समक्ष एक आदमकद आईना इस प्रकार लगवाएं कि प्रवेश करने वाले व्यक्ति को उसका प्रतिबिम्ब अवश्य दिखाई दे। दोष :—– घर में प्रयोग किया गया जल अथवा

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bina tod-fod ke vastu dosh ka nivaran

बिना तोड़-फोड़ के वास्तु दोषों के निवारण – सम्पूर्ण वास्तु दोष – bina tod-fod ke vastu dosh ka nivaran – sampurna vastu dosh nivaran

दोष : र्इ्रशानोन्मुख भूखंड की उत्तरी दिशा में ऊंची इमारत या भवन हो तो- उपाय : उपरोक्त वास्तु दोष को दूर करने के लिए उत्तर-दिशा वाली ऊंची इमारत और भवन के बीच एक मार्ग बना देना चाहिए अर्थात् मार्ग के लिए खाली जगह छोड़ दें। इससे ऊंची इमारत के कारण जो वेध उत्पन्न हो रहा

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vaastu guru dvaara vaastu sambandhee shankaon ka samaadhaan

वास्तु गुरु द्वारा वास्तु सम्बन्धी शंकाओं का समाधान – सम्पूर्ण वास्तु दोष – vaastu guru dvaara vaastu sambandhee shankaon ka samaadhaan – sampurna vastu dosh nivaran

यदि बड़े मकान के छोटे से भाग में वास्तुदोष होने से पूरा मकान ही वास्तुदोष युक्त हो जाता है, तो क्या ऐसे में दोषपूर्ण भाग की परिवार के ही किसी दूसरे सदस्य के नाम से रजिस्ट्री करने से क्या वह दोष समाप्त हो सकता है?उत्तर : कई मकानों के थोड़े से भाग में वास्तुदोष इस

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vaastu guru dwara vaastu sambandhi shankaon ka samadhan 1

वास्तु गुरु द्वारा वास्तु सम्बन्धी शंकाओं का समाधान 1 – सम्पूर्ण वास्तु दोष – vaastu guru dwara vaastu sambandhi shankaon ka samadhan 1 – sampurna vastu dosh nivaran

क्या वास्तुदोष निवारण यंत्र लगाने से कुछ लाभ होता है?उत्तर : बिल्कुल नहीं! वास्तुशास्त्र के प्रथम ग्रन्थ से लेकर, 1995 से पूर्व छपे किसी भी वास्तुशास्त्र के ग्रन्थ में इस प्रकार के किसी भी यंत्र का वर्णन नहीं है। यह वास्तुदोष निवारण यंत्र केवल तथाकथित लालची वास्तुशास्त्रियों द्वारा भोली-भाली जनता को लूटने के लिए बनाया

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ghar ka mukhy dwaar vastu shastra ke anusaar kaisa aur kahaan hona chaahie? 1

घर का मुख्य द्वार वास्तु शास्त्र के अनुसार कैसा और कहाँ होना चाहिए? 1 – सम्पूर्ण वास्तु दोष – ghar ka mukhy dwaar vastu shastra ke anusaar kaisa aur kahaan hona chaahie? 1 – sampurna vastu dosh nivaran

अगर घर दक्षिण या पश्चिम मुखी हो तो उसमें कभी भी सिर्फ एक ही मुख्य द्वार नहीं बनवाना चाहिए।मुख्य द्वार हमेशा अंदर और घड़ी की दिशा में ही खुलना चाहिए।मुख्य द्वार को खोलने और बंद करने में किसी तरह की आवाज़ नहीं होनी चाहिए।अगर एक द्वार के ऊपर दूसरा द्वार बनवाना पड़े तो ये ध्यान

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chandrahasan mein vastu

चंद्रमासों में वास्तु – सम्पूर्ण वास्तु दोष – chandrahasan mein vastu – sampurna vastu dosh nivaran

महाकवि कालिदास और महर्षि वशिष्ठ अनुसार तीन-तीन चंद्रमासों में वास्तु पुरुष की दिशा निम्नवत् रहती है।भाद्रपद, कार्तिक, आश्विन मास में ईशान की ओर। फाल्गुन, चैत्र, वैशाख में नैत्य की ओर। ज्येष्ठ, आषाढ, श्रावण में आग्नेय कोण की ओर।मार्गशीर्ष, पौष, माघ में वायव्य दिशा की ओर वास्तु पुरुष का मुख होता है। वास्तु पुरुष का भ्रमण

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jaanie kee kese karen bina tod-phod ke vaastu sudhaar/vaastu dosh nivaaran? 1

जानिए की केसे करें बिना तोड़-फोड़ के वास्तु सुधार/वास्तु दोष निवारण? 1 – सम्पूर्ण वास्तु दोष – jaanie kee kese karen bina tod-phod ke vaastu sudhaar/vaastu dosh nivaaran? 1 – sampurna vastu dosh nivaran

पूर्व दिशा में बिना तोड़-फोड़ के वास्तु दोषों का निवारण- दोष : भवन की पूर्व दिशा का भाग अन्य दिशाओं की अपेक्षा ऊंचा होना। उपाय : उपरोक्त दोष निवारण के लिए भवन में टी.वी. का ऐन्टीना नैत्य कोण में लगा लें, जिसकी ऊंचाई भवन के पूर्वी एवं उत्तरी भाग की दीवारों से अधिक हो, ऐन्टीना

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griharambh ki neev

गृहारंभ की नींव – सम्पूर्ण वास्तु दोष – griharambh ki neev – sampurna vastu dosh nivaran

गृहारंभ की नींव :- वैशाख, श्रावण, कार्तिक, मार्गशीर्ष और फाल्गुन इन चंद्रमासों में गृहारंभ शुभ होता है। इनके अलावा अन्य चंद्रमास अशुभ होने के कारण निषिद्ध कहे गये हैं। वैशाख में गृहारंभ करने से धन धान्य, पुत्र तथा आरोग्य की प्राप्ति होती है। श्रावण में धन, पशु और मित्रों की वृद्धि होती है। कार्तिक में

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